यूपी में ‘जमानत घोटाला’; मेरठ स्टांप हेराफेरी के आरोपी ने तैयार कर दिए 2 फर्जी दरोगा और एक वकील

राष्ट्रीय जजमेंट 

मेरठ : स्टांप घोटाले के आरोपी अक्षय गुप्ता ने जेल की काल कोठरी से बाहर आने के लिए हैरान करने वाली साजिश रच डाली. उसने 6 फर्जी जमानती, 1 फर्जी वकील और फर्जी 2 दरोगा भी तैयार कर लिए. हालांकि पुलिस की सूझबूझ उसकी यह तरकीब काम नहीं आई. पुलिस ने बुधवार को इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया. पकड़े जाने पर आरोपी खुद को छिपाता नजर आया. मीडिया से कहा-हमें क्यों फेमस कर रहे हो.

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने मीडिया को बताया कि साल 2024 में मेरठ में स्टांप घोटाला हुआ था. इसमें अक्षय गुप्ता नाम के एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया था. वह जेल गया था. बाद में वह छूट गया था. इसके बाद उसने अपनी जमानत कराने के लिए जमानती कागजात तैयार कराकर कोर्ट भिजवाया था.
दरोगा और वकील भी फर्जी : एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू की तो सभी जमानती फर्जी पाए गए. जमानती की तस्दीक (सत्यापन) करने वाले दरोगा व पुलिसकर्मी भी फर्जी निकले. अक्षय गुप्ता के जमानत के दस्तावेजों में मेरठ के लालकुर्ती थाने के दरोगा हरपाल और टीपी नगर थाने के दरोगा रंजीत के नाम से हस्ताक्षर थे. इन नामों के दरोगा कहीं भी न तो थानों में और न ही किसी जिले में तैनात रहे हैं.
जमानती भी निकले फेक : एसपी सिटी ने बताया कि इसी तरह जो भी जमानती थे वे भी फर्जी पाए गए. उनके नाम जमानती के तौर पर दीपक, सोनू, अजय, रोशन, पंकज और भारत हैं. इनके नाम पुलिस को मिले तो दस्तावेजों पर लगे मुहर और हस्ताक्षर चेक किए गए तो पता चला कि वे नकली थे. इतना ही नहीं जिस वकील का वकालतनामा लगाया गया था, वह भी फर्जी निकला.एसपी सिटी के अनुसार जांच में पता चला कि वकील का नाम नवी हसन जैदी दर्शाया गया था. उसकी मुहर भी फर्जी मिली. इस नाम का कोई भी वकील नहीं मिला. मामले में पुलिस ने संज्ञान लिया और इन सभी जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. मुख्य आरोपी अक्षय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है.सभी जालसाजों को पकड़ेगी पुलिस : एसपी सिटी ने बताया कि कुल मिलाकर 6 जमानती, 2 सब इंस्पेक्टर, एक वकील फर्जी पाए गए हैं. एसपी सिटी के मुताबिक इन सभी की पड़ताल कर गिरफ्तारी के लिए सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में तीन टीम बनाई गई है. इन सभी लोगों को ट्रेस कर पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.अब स्टांप घोटाले के बारे में जानिए : मेरठ में साल 2024 में स्टांप घोटाला सामने आया था. इसमें 7.20 करोड़ के फर्जी स्टांप पर 997 लोगों की रजिस्ट्री करा दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में आरोपी एडवोकेट विशाल वर्मा, अक्षय समेत कई लोगों को पकड़ा था. अक्षय काफी समय तक पुलिस को चकमा देता रहा था. इसी साल जनवरी में उसे पकड़ा जा सका था.कैदी से मिलने पहुंचे 2 युवकों के पास मिले 5 कारतूस : मेरठ की चौधरी चरण सिंह जिला जेल में कैदी से मिलने पहुंचे दो युवकों के पास से 5 कारतूस बरामद किए गए. दोनों युवक हिस्ट्रीशीटर से मिलने पहुंचे थे. मामला बुधवार का है. दोनों आरोपी जेल के प्रवेश द्वार के पास तक पहुंच गए थे. वे मुलाकात के लिए लाइन में लगे थे. कारतूस बैग के अंदर फलों के बीच छुपाकर रखे गए थे.पुलिस की पूछताछ में दोनों युवकों ने बताया कि उनके नाम परमेन्द्र और सुदेश हैं. वे नवनीत उर्फ मीनू टिमकिया से मिलने पहुंचे थे. एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि मीनू टिमकिया कुख्यात योगेश भदौडा का शूटर है. उस पर 30 से ज्यादा लूट, हत्या और रंगदारी के केस दर्ज हैं. बरामद किए गए 4 कारतूस 32 बोर के हैं, जबकि एक अन्य कारतूस मिला है.
वहीं वरिष्ठ जेल अधिक्षक डॉ. वीरेश राज ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर मीनू की बैरक बदल दी गई है. उन्होंने बताया कि 24 घंटे उसकी निगरानी के आदेश दिए गए हैं. दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

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